The Greatest Guide To sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
This Mantra is composed in the shape of a dialogue concerning a Expert and his disciple. This Mantra is known to become The crucial element to your tranquil point out of mind.
किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी ।
चाय वाले को बनाया पिता और टेस्ट ड्राइव के बहाने उड़ाई बाइक, आगरा में शातिर चोर का गजब कारनामा
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं get more info जं जं जंभनादिनी ।